गाजीपुर। जनपद गाजीपुर के सदर ब्लॉक के छावनी लाइन स्थित राजस्व गांव नारायणपुर में बुधवार की रात उस समय हड़कंप मच गया जब मां काली मंदिर के पास ग्रामीणों ने एक अजगर के बच्चे को देखा। रात लगभग 8 बजे ग्रामीणों ने जब झाड़ियों के बीच सरसराहट सुनी तो पहले तो उन्होंने उसे साधारण सांप समझा, लेकिन नजदीक जाकर देखने पर पता चला कि वह अजगर का बच्चा है।

ग्रामीणों ने तत्काल समझदारी दिखाते हुए वन विभाग को सूचना दी। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मय दरोगा के नेतृत्व में मौके पर पहुंची। उनके साथ वनरक्षक आशीष कुमार, सहायक सुरेंद्र यादव और अन्य कर्मचारी भी मौजूद थे। टीम ने मौके की स्थिति का जायजा लिया और सावधानीपूर्वक अजगर के बच्चे को सुरक्षित रूप से पकड़कर अपने साथ ले गई।

अजगर के बच्चे के मिलने की खबर पूरे गांव में फैलते ही लोग मां काली मंदिर परिसर में जुट गए। हालांकि कुछ ग्रामीणों में भय और चिंता भी स्पष्ट दिखाई दी।

गांव के बुजुर्ग रामधनी ने बताया कि "मां काली मंदिर के पास वाले इलाके में घनी झाड़ियां हैं, और बगल में करीब 200 मीटर की दूरी पर एक पुरानी नहर भी है। अब उसमें पानी नहीं आता, लेकिन आसपास झाड़-झंखाड़ और छोटे पेड़ों ने जंगल का रूप ले लिया है। ऐसे में यह संभव है कि अजगर का बच्चा वहीं से भटककर यहां आ गया हो।"

ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ समय से इस क्षेत्र में कई बार जंगली और विषैले जानवरों के दिखने की घटनाएं सामने आई हैं। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस क्षेत्र में जल्द से जल्द सफाई अभियान चलाया जाए, ताकि संभावित खतरों से ग्रामीणों को बचाया जा सके।

स्थानीय निवासी पप्पू ने कहा, "नहर के किनारे और मंदिर के पीछे की जमीन पर लंबे समय से झाड़ियां फैली हैं। अगर समय रहते सफाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में सांप-बिच्छू और जंगली जानवरों का खतरा और बढ़ जाएगा। प्रशासन को चाहिए कि नियमित रूप से इलाके का निरीक्षण करे और गांव की सुरक्षा सुनिश्चित करे।"

वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि पकड़े गए अजगर के बच्चे को जंगल में सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि किसी भी जंगली जीव को नुकसान न पहुंचाएं और ऐसे मामलों में तुरंत विभाग को सूचित करें।

गांव के लोगों ने वन विभाग की त्वरित कार्रवाई की सराहना की। मौके पर मौजूद ग्रामीणों — अशोक कुशवाहा और अन्य दर्जनों लोगों ने बताया कि टीम ने बेहद सतर्कता के साथ कार्य किया जिससे किसी को भी कोई हानि नहीं पहुंची।

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि गांवों के आसपास फैली उपेक्षित नहरों और झाड़ियों की नियमित साफ-सफाई क्यों नहीं हो रही है। अगर समय रहते प्रशासन ने इस दिशा में कदम नहीं उठाया, तो भविष्य में ऐसी घटनाएं किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं।

फिलहाल, वन विभाग की तत्परता से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है, लेकिन साथ ही प्रशासन से अपील की है कि वह इस क्षेत्र की सफाई, निगरानी और सुरक्षा को लेकर स्थायी व्यवस्था सुनिश्चित करे ताकि ग्रामीण निश्चिंत होकर रह सकें।