गाज़ीपुर। आज की एक खास रिपोर्ट, जो जुड़ी है देश के गौरव, यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिवस से।
देशभर में जहाँ आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का जन्मदिवस बड़े ही हर्षोल्लास और सेवा कार्यों के माध्यम से मनाया जा रहा है, वहीं उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर ज़िले से भी एक प्रेरणादायक तस्वीर सामने आई है।
गाज़ीपुर के प्रतिष्ठित तिनकौड़िया बाबा मंदिर परिसर में आज स्वच्छता अभियान चलाया गया, जो ‘सेवा पखवाड़ा’ के अंतर्गत प्रधानमंत्री मोदी जी के जन्मदिवस को समर्पित था। इस अवसर पर क्षेत्र के कई गणमान्य जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और स्वच्छ भारत मिशन के संकल्प को दोहराया।
इस अभियान की अगुवाई की पूर्व नगर अध्यक्ष श्री रासबिहारी राय जी ने, जिनकी प्रेरणा से यह कार्यक्रम न केवल एक औपचारिक आयोजन बना, बल्कि एक जन-आंदोलन का रूप ले सका।
इस अवसर पर नगर मंत्री दीपक जायसवाल जी, सेक्टर संयोजक कमलेश श्रीवास्तव जी, वार्ड नंबर 5 के सभासद शनि चौरसिया जी, जयसूर्य भट्ट जी, विप्लव कुमार रावत जी और संदीप रावत जी ने भी स्वच्छता अभियान में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई।
इसके साथ ही बूथ अध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव जी, करुणा श्रीवास्तव और शाश्वत सिंह जैसे जागरूक कार्यकर्ता भी इस सेवा यज्ञ में शामिल हुए और अपने श्रमदान से समाज को एक स्वच्छ और स्वस्थ भारत की प्रेरणा दी।
स्वच्छता अभियान के दौरान सभी कार्यकर्ताओं ने मंदिर परिसर, आसपास के गलियारों और सार्वजनिक स्थानों की सफाई की। प्लास्टिक कचरा, पत्ते और धूल-मिट्टी को हटाकर यह संदेश दिया गया कि "स्वच्छता केवल जिम्मेदारी नहीं, बल्कि देशभक्ति का प्रतीक है।"
कार्यक्रम का माहौल पूरी तरह राष्ट्रभक्ति और सेवा भाव से ओतप्रोत रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के "स्वच्छ भारत" के सपने को साकार करने के लिए यह छोटा सा लेकिन प्रभावी कदम गाज़ीपुरवासियों द्वारा उठाया गया, जो निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगा।
इस स्वच्छता अभियान ने यह सिद्ध कर दिया कि जब देश के नेता सेवा को सर्वोपरि मानते हैं, तो जनता भी उसी राह पर चलकर देश के निर्माण में अपनी भागीदारी निभाती है।
तो आज, जब देश नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिवस को सेवा दिवस के रूप में मना रहा है, गाज़ीपुर ने भी अपने कर्मों से यह दिखा दिया कि प्रधानमंत्री जी का विज़न, अब केवल एक नेता का सपना नहीं, बल्कि एक-एक भारतीय की प्रतिज्ञा बन
चुका है।