गाजीपुर। जंगीपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले देवकठिया ग्राम सभा में इन दिनों ग्रामीणों का आक्रोश चरम पर है। गांव के मुख्य मार्ग की जर्जर हालत और नालियों की कमी ने ग्रामीणों का जीना मुहाल कर दिया है। जगह-जगह जलजमाव और कीचड़ से लथपथ सड़कें न केवल आवागमन को बाधित कर रही हैं, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी में कठिनाइयों का सबब बन चुकी हैं।

गांव के लोगों का कहना है कि मुख्य मार्ग पर चलना अब किसी चुनौती से कम नहीं है। भारी बारिश के बाद सड़कें कीचड़ और गंदे पानी से ढक जाती हैं। इससे बाइक, साइकिल चलाना तो दूर, पैदल चलना भी जोखिम भरा हो गया है। ग्रामीण हरिओम यादव ने बताया, “पिछले हफ्ते एक बुजुर्ग कीचड़ में फिसलकर गिर गए और उन्हें गंभीर चोटें आईं, हाथ फैक्चर हो गया है। अगर समय रहते सड़क मरम्मत हो जाती, तो इस तरह की अनहोनी टल सकती थी।”


ग्रामीणों का कहना है कि गंदा पानी सड़कों पर बहता रहता है, जिससे संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ गया है। गांव के चन्दन यादव ने बताया, “हम अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डरते हैं। रास्ते में इतना कीचड़ और गंदगी है कि फिसलने का डर बना रहता है। कई बच्चे स्कूल जाते समय गिरकर घायल भी हो चुके हैं।”

देवकठिया के ग्रामीणों ने पंचायत से लेकर ब्लॉक स्तर तक कई बार शिकायतें दर्ज कराईं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ। केवल आश्वासन मिलते हैं, लेकिन काम के नाम पर कुछ नहीं होता। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि कुछ जनप्रतिनिधियों ने चुनाव के दौरान सड़क निर्माण का वादा किया था, मगर अब वे फोन तक उठाना गंवारा नहीं समझते।

ग्राम सभा की महिलाओं ने भी खुलकर नाराजगी जाहिर की। कमला देवी कहती हैं, “बरसात के दिनों में घर से बाहर निकलना भी किसी युद्ध से कम नहीं लगता। मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। बच्चे बीमार पड़ रहे हैं, और कोई सुनवाई नहीं हो रही।”

इस मुद्दे पर स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से भी सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही सड़क की मरम्मत नहीं कराई गई, तो वे जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना है कि अब चुप बैठने का वक्त नहीं है, अब संघर्ष का समय है।

देवकठिया की यह समस्या न केवल स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि ‘ग्रामीण विकास’ के नाम पर केवल घोषणाएं हुई हैं, काम जमीन पर नहीं दिखता।

अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह जनआक्रोश आने वाले चुनावों में सियासी समीकरण भी बदल सकता है।