गाजीपुर। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चलाए जा रहे विशेष अभियान के अंतर्गत जीआरपी थाना गाजीपुर सिटी की पुलिस टीम को बड़ी कामयाबी मिली है। टीम ने प्लेटफॉर्म नंबर 1 के पश्चिमी छोर के पास दो शातिर चोरों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है, जो ट्रेनों और स्टेशन पर यात्रियों का सामान चोरी करने में लिप्त थे।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अजय डोम पुत्र कैलाश डोम (निवासी - सोनाडी, थाना भांवरकोल, जनपद गाजीपुर, उम्र – 28 वर्ष) और अजय डोम पुत्र रंगी डोम (निवासी – सब्बीपुर, थाना जमनिया, जनपद गाजीपुर, उम्र – 27 वर्ष) के रूप में हुई है।

 बरामदगी में चौंकाने वाली वस्तुएं

पुलिस ने तलाशी के दौरान दोनों के पास से निम्नलिखित चोरी का सामान बरामद किया:

दो मोबाइल फोन, एक मंगलसूत्र, एक जोड़ी पीली धातु की कान की बाली, चार अंगूठियां और ₹500 नगद, कुल अनुमानित मूल्य: ₹85,000

पूछताछ में दोनों आरोपियों ने कबूला कि वे लंबे समय से प्लेटफॉर्म और ट्रेनों में यात्रियों के कीमती सामान पर नजर रखकर चोरी करते थे। वे चोरी का सामान बेचने के इरादे से स्टेशन पर आए थे, तभी पुलिस ने उन्हें धर दबोचा।

 अपराध का लंबा इतिहास

पुलिस जांच में दोनों अभियुक्तों के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड भी सामने आए हैं:

अजय डोम (पुत्र कैलाश डोम) के खिलाफ गाजीपुर, बलिया और मोहम्मदाबाद थानों में रेप, जुआ, चोरी, एनडीपीएस एक्ट, फर्जी दस्तावेज और शराब तस्करी जैसे गंभीर अपराधों के कई मामले दर्ज हैं।

वहीं अजय डोम (पुत्र रंगी डोम) के खिलाफ प्रयागराज के डीडीयू जीआरपी थाना क्षेत्र में चोरी और एनडीपीएस एक्ट से जुड़े 10 से अधिक मामले दर्ज हैं।

 पुलिस टीम की सतर्कता सराहनीय

इस कार्रवाई में जीआरपी थाना गाजीपुर सिटी के थाना प्रभारी जितेन्द्र कुमार सिंह के नेतृत्व में उपनिरीक्षक देवेंद्र कुमार, उपनिरीक्षक कमलेश सिंह (आरपीएफ), एएसआई गुलाम वारिस सिद्दीकी (क्राइम ब्रांच वाराणसी), हेड कांस्टेबल संजय यादव, अमरजीत सिंह, कांस्टेबल लवलेश प्रताप सिंह, महेन्द्र कुमार यादव, चंद्रिका प्रजापति और दुर्गा प्रसाद (आरपीएफ टास्क टीम) की भूमिका प्रमुख रही।

 यात्रियों में बढ़ा सुरक्षा का विश्वास

जीआरपी की इस मुस्तैदी और समय पर कार्रवाई से न सिर्फ रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगेगा, बल्कि यात्रियों के मन में भी सुरक्षा को लेकर विश्वास बढ़ेगा। पुलिस ने दोनों अभियुक्तों के खिलाफ विधिक कार्यवाही प्रारंभ कर दी है तथा इनके अन्य आपराधिक नेटवर्क की जांच भी जारी है।

 यह अभियान आने वाले समय में रेलवे परिसर को और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम साबित होगा।