घटना की गंभीरता को देखते हुए गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे। प्रशासनिक अधिकारियों ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर संवेदना जताई और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। इस बीच हजारों की संख्या में स्थानीय लोग गांव और अस्पताल में एकत्र हो गए। पूरे गांव में मातम का माहौल है, हर चेहरा दुख और अवसाद से भरा हुआ दिखाई दे रहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि ऐसी घटना पहले कभी नहीं देखी गई। पूरे गांव में सन्नाटा पसरा है और लोग अभी भी इस हादसे की भयावहता से उबर नहीं पाए हैं। पीड़ित परिवार के घर पर शोक संवेदनाओं का तांता लगा हुआ है। गांव की महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग इस हादसे को याद कर भावुक हो उठते हैं।
विधायक वीरेंद्र यादव ने प्रशासन से मांग की कि पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता के साथ-साथ सरकारी योजनाओं का भी लाभ दिया जाए, ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके। सपा जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने भी दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं और जल्द ही इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट सौंपे जाने की संभावना है। यह हादसा न सिर्फ एक परिवार के लिए, बल्कि पूरे गांव और जिले के लिए एक गहरा सदमा है, जिसकी टीस लंबे समय तक महसूस की जाएगी।