गाजीपुर, 08 फरवरी 2025: अमेरिका से हथकड़ी बेड़ी में डिपोर्ट किए गए भारतीयों के मुद्दे पर जिला कांग्रेस कमेटी ने एक बड़ा कदम उठाते हुए महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित एक पत्रक जिलाधिकारी गाजीपुर के माध्यम से दिया है। पत्रक में आरोप लगाया गया है कि अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय प्रवासियों को अमानवीय तरीके से निर्वासित किया गया, जो देश की गरिमा के खिलाफ है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस प्रकार का कृत्य मोदी सरकार की विदेश नीति की विफलता को उजागर करता है और पूरे देश का अपमान है।

पत्रक को लेकर निवर्तमान जिलाध्यक्ष सुनील राम ने कहा कि यह घटना भारतीयों के प्रति गंभीर अन्याय का प्रतीक है। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार को इस मुद्दे पर तत्परता से प्रतिक्रिया देनी चाहिए, और केंद्र सरकार को निर्वासित नागरिकों के पुनर्वास के लिए व्यापक सहायता प्रदान करनी चाहिए।" शहर अध्यक्ष संदीप विश्वकर्मा ने कहा कि भारतीयों को निर्वासन के दौरान अमानवीय हिरासत में रखा गया और उन्हें वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा, जो एक गंभीर स्थिति है। एआईसीसी के रविकांत राय ने इस मामले को राष्ट्र की छवि को धूमिल करने वाला बताया।

निवर्तमान प्रवक्ता अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि यह पहला मौका है जब नागरिकों के साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार किया गया है और केंद्र सरकार की उदासीनता को उन्होंने आलोचना की। उन्होंने कहा, "सरकार को अपनी नीतियों को सुधारते हुए इन नागरिकों के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।"

इस मुद्दे पर कांग्रेस ने राष्ट्रपति से अपील की है कि केंद्र सरकार से निर्वासित नागरिकों के लिए व्यापक सहायता प्रदान की जाए और पारदर्शी प्रवासन ढांचे की स्थापना की जाए ताकि भविष्य में ऐसे अमानवीय घटनाएं न घटित हों। कांग्रेस का कहना है कि यह विरोध न्याय, मानवीय व्यवहार और हमारे नागरिकों की गरिमा और नीति सुधार के लिए सामूहिक मांग है।

इसके साथ ही, कांग्रेस पार्टी ने कुंभ मेला ड्यूटी के दौरान शहीद हुए स्व. एसआई अंजनी राय की बड़ी भाभी श्रीमती उर्मिला देवी के निधन पर शोक व्यक्त किया। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय द्वारा भेजे गए शोक संदेश को शहीद के परिजनों तक पहुंचाया। इस अवसर पर कई कांग्रेस कार्यकर्ता और स्थानीय नेता भी मौजूद थे और उन्होंने शोक संतप्त परिवार के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त की।

इस शोक सभा में विद्याधर पांडे, चंद्रिका सिंह, राजीव सिंह, राजेश गुप्ता, मंसूर जैदी, नईम प्रधान, राम नगीना पांडे, आलोक यादव, शबीहूल हसन, ओमप्रकाश पांडे, अजय चंद्र चौबे, आशुतोष कुमार सिन्हा, रईस अहमद, सदानंद गुप्ता, रतन तिवारी, राजेश उपाध्याय, प्रवीण दुबे, राहुल एडवोकेट, देवेंद्र सिंह, जेपी पांडे और उषा चतुर्वेदी समेत अन्य लोग उपस्थित थे।

यह घटना और कांग्रेस का यह कदम निश्चित रूप से भारतीय नागरिकों के अधिकारों और गरिमा की रक्षा के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम माना जाएगा।