गाजीपुर। 18 सितम्बर 2025। इस देश मे जिस भी व्यक्ति ने अपने मिशन को आगे बढ़ाया है, जिसके मन मे राष्ट्र, समाज और सृष्टि के कल्याण का भाव विचार रहा है, उसको काशी को अपना मिशन बनाना पड़ता है।बुद्ध हो, शंकराचार्य हो, तुलसी हो, कबीर हो, नानक हो, सबको काशी आना पड़ा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पर भी कोई बोझ नहीं था, बस उनके मन में एक मिशन था, विचार था, सिद्धांत था और आदर्श था जिसको क्रिया रूप देने के लिए उन्होंने काशी का चयन किया और आज सफलता से विकसित भारत लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।


यह बात आज भारतीय जनता पार्टी द्वारा नगर के रायल पैलेस मे आज वृहस्पतिवार को नरेन्द्र मोदी जन्मदिवस अवसर पर चल रहे सेवा पखवाड़ा के दूसरे दिन नगर के वंशी बाजार के रायल पैलेस में जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश राय की अध्यक्षता में आयोजित प्रबुद्ध सम्मेलन को मुख्य अतिथि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के पूर्व उप कूलपति गिरिश चंद्र त्रिपाठी ने सम्बोधित करते हुए कहा उन्होंने कहा कि प्रबुद्ध जनों को समाज व राष्ट्र के लिए आगे आना चाहिए सिर्फ अपने लिए नहीं आने वाली पीढियां के लिए,उन्होंने कहा कि समाज में विघटनकारी शक्तियां बड़ी तेजी से क्रियाशील हो रही हैं इसलिए प्रबुद्ध जन से आग्रह है कि वे अपनी नैतिक जिम्मेदारी को स्वीकार करे और समाज को दिशा दे।आयोजन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि देशभक्तों ने कभी भी अपने जाति, अपने समाज का विचार नहीं किया उनके लिए राष्ट्र प्रथम रहा है और वही प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन आदर्शों मे निहित है। उन्होंने मा मनोज सिन्हा की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने सांसद बनने के बाद जिस तरह से गाजीपुर के विकास का विचार किया वह उनकी जागरूकता, सामाजिक समझ और बीएचयू की शिक्षा का प्रभाव है। आज भी वे अनेकों प्रकार से इस क्षेत्र का नेतृत्व कर रहे हैं। समाज में प्रत्येक व्यक्ति की भूमिका होती है, लेकिन कोई राष्ट्र महान तब बनता है जब उस राष्ट्र का प्रत्येक व्यक्ति अपनी क्षमता योग्यता के अनुसार उसमें योगदान देता है ।परंतु क्षमता योग्यता का अहसास प्रत्येक व्यक्ति को हो यह जिम्मेदारी प्रबुद्ध जनों की होती है जो प्रत्येक व्यक्ति को जोड़कर राष्ट्र की मुख्य धारा से संयोजित करें। समाज को दुष्टों की दूष्टता से उतनी क्षति नहीं हुई जितनी सज्जनों की निषक्रियता से हुई है उन्होंने कहा कि भारत एक दर्शन है, दृष्टि है, विचार है।

पूर्व विधान परिषद सदस्य डॉ केदारनाथ सिंह ने कहा कि कुचक्र के कारण इस देश की राष्ट्रवादी विचारधारा को पूर्व की सरकारों ने हताश किया। इस देश की जिस सांस्कृतिक विरासत को दुनिया के सामने लाई जानी चाहिए थी वह वहां नहीं पहुंचाई गई।

स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राघवेंद्र पांडेय ने कहा कि भारत तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था का देश बन चुका है।और कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित बनाने का जो विजन रखा है उस लक्ष्य को भेदने का आधार समाज का प्रबुद्ध वर्ग ही है। विश्व में भारत को सामर्थ्यवान देश बनाते हुए विकसित भारत बनाना है और अपने आने वाली पीढियों को दिशा देना है। उन्होंने कहा कि प्रबुद्ध वर्ग समाज को दिशा देने में स्थिर हो गया प्रतीत होता है।

विषय प्रवर्तन साहित्यिक विधा के साथ समाज कल्याण के लिए काम करने वाले डा माधव कृष्ण ने रखा और कहा कि भारत की अगली क्रांति विकास व आत्मनिर्भरता की होगी हमे उस मुद्दे पर एक होना चाहिए चाहे सरकार किसी भी राजनैतिक दल की हो।

गोष्ठी को काशी के मेयर रहे राम गोपाल मोहले ,शशिधर सिंह ने भी सम्बोधित किया।

जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश राय ने स्वागत उदबोधन के साथ मुख्य अतिथि का स्मृति चिन्ह, पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मान किया।

कार्यक्रम संयोजक मनोज सिंह ने सबके प्रति आभार धन्यवाद व्यक्त किया और मंचासीन अतिथियों का पुष्प गुच्छ, अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया ‌।

गोष्ठी का शुभारंभ महामनिषियों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर, दीप प्रज्वलित कर वंदेमातरम् से तथा समापन राष्ट्र गान से हुआ। संचालन डा संतोष मिश्रा ने किया।

गोष्ठी में हनुमान विश्वकर्मा अधिवक्ता,डा अरविन्द सिंह, प्रदीप कुमार, सरिता अग्रवाल नगर पालिका अध्यक्ष,अजय गौतम, पारसनाथ राय, भानु प्रताप सिंह, कृष्ण बिहारी राय, सुनील सिंह, बृजेन्द्र राय,कालीचरन राजभर,सानन्द सिंह,डा प्रदीप पाठक,पप्पू सिंह, प्रवीण सिंह, दयाशंकर पांडेय, अवधेश राजभर, नरेन्द्र सिंह, अच्छेलाल गुप्ता,शशिकांत शर्मा, कार्तिक गुप्ता, जितेन्द्र नाथ पांडेय, गर्वजीत सिंह, विनित शर्मा, व्यास मुनि राय,डा श्रीकान्त पांडेय सहित आदि अन्य समाज के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित प्रबुद्ध जन उपस्थित थे।