गाजीपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCPA) की बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। इस बैठक में आगामी जनगणना में जातिगत गणना को शामिल करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। यह निर्णय न केवल सामाजिक न्याय और समता की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि इससे देश की नीतियों और योजनाओं को और अधिक समावेशी तथा प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।

इस निर्णय का स्वागत करते हुए बलिया की सांसद संगीता बलवंत ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में समरसता, सुशासन और सामाजिक न्याय के एक नए युग का आरंभ हो रहा है। जातिगत जनगणना का यह निर्णय ऐतिहासिक है और इससे समाज के सभी वर्गों की वास्तविक स्थिति सामने आ सकेगी।"

जातिगत आंकड़ों के आधार पर सरकार शिक्षा, रोजगार और कल्याणकारी योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू कर सकेगी। यह निर्णय लंबे समय से सामाजिक संगठनों और जनता की एक महत्त्वपूर्ण मांग रही है, जिसे अब केंद्र सरकार ने संज्ञान में लेकर प्रभावी कार्रवाई की है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह निर्णय सामाजिक संतुलन और समान अवसर सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होगा। यह पहल "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास" के संकल्प को सशक्त बनाती है।