गाज़ीपुर, 7 मार्च 2025। गाज़ीपुर के ददरीघाट प्राथमिक विद्यालय में 20 फरवरी को हुए पत्रकार उत्पीड़न की घटना ने जिले में हलचल मचा दी है। स्वतंत्र जनभारती के जिला संवाददाता रामजनम कुशवाहा को विद्यालय के शिक्षकों द्वारा गंभीर दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा।

घटना के अनुसार, पत्रकार को सूचना मिली थी कि विद्यालय में कई दिनों से न तो छात्र आ रहे हैं और न ही शिक्षक। जब वे 20 फरवरी 2025 की दोपहर 1 बजे विद्यालय पहुंचे, तो स्कूल का दरवाजा खुला था और वहां कोई छात्र नहीं था। इस दौरान, जब पत्रकार वीडियो बना रहे थे, दीपक कश्यप नामक युवक ने आकर उन्हें कवरेज से रोकने का प्रयास किया। दीपक ने न सिर्फ अपना परिचय देने से मना किया, बल्कि पत्रकार का मोबाइल छीनने की कोशिश भी की।

इसके बाद, दीपक ने शिक्षा मित्र राजन विश्वकर्मा और अध्यापिका प्रतिभा सिंह को बुलाया। दोनों ने अपनी पहचान देने से इनकार करते हुए पत्रकार को फर्जी बताते हुए धमकियां दीं।

इस घटना के बाद, 4 मार्च 2025 को शिक्षकों ने पत्रकार रामजनम कुशवाहा के खिलाफ थाना कोतवाली में झूठा मुकदमा दर्ज कराया। मुकदमा संख्या 153/2025, धारा 132, 312 बीएनएस के तहत दर्ज किया गया। पत्रकार का आरोप है कि यह मुकदमा उन्हें समाचार न छापने का दबाव बनाने के लिए दर्ज कराया गया है।

मुकदमे के खिलाफ जिले के पत्रकारों ने एकजुट होकर जिलाधिकारी आर्यका अखौरी, पुलिस अधीक्षक ईरज राजा और बीएसए हेमन्त राव से मुलाकात की। उन्होंने इस झूठे मुकदमे को वापस लेने की मांग की और न्याय की गुहार लगाई। जिलाधिकारी ने पत्रकारों को आश्वासन दिया कि वे मामले की जांच करेंगे और झूठे मुकदमे को वापस लिया जाएगा।

पत्रकारों ने इस घटना को पत्रकारिता की स्वतंत्रता के लिए गंभीर खतरा बताया और उचित कार्रवाई की मांग की। उनका कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं पत्रकारिता की स्वतंत्रता को प्रभावित करती हैं और यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक हो सकती हैं।

पत्रकारिता के स्वतंत्रता की रक्षा के लिए पत्रकारों का संघर्ष जारी रहेगा।