वाराणसी। नेहरू युवा केंद्र माय भारत युवा कार्यक्रम, खेल मंत्रालय भारत सरकार के तत्वाधान में आयोजित सीमावर्ती युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का शुभारंभ गुरुवार को वाराणसी के सारनाथ स्थित धमचक मेडिसिन सेंटर में हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डायट प्राचार्य उमेश कुमार शुक्ला रहे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत्त जिला विकास अधिकारी डॉ. डी. आर. विश्वकर्मा ने की।
कार्यक्रम का आरंभ युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद के चित्र पर माल्यार्पण और उपस्थित अतिथियों को बैच अलंकरण करके किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उमेश कुमार शुक्ला ने पश्चिम बंगाल (जलपाईगुड़ी), उत्तराखंड (रुद्रप्रयाग), सिक्किम (सिक्किम), राजस्थान (गंगानगर), असम (कामरूप) और बिहार (मधुबनी) से आए कुल 27 युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, "हर युवा निश्चित रूप से देश और समाज के उत्थान के सपने देखता है, लेकिन कभी-कभी गलत संगत के कारण वह गलत रास्ते पर चला जाता है, जिससे उसका जीवन अंधकारमय हो जाता है। इसलिए युवाओं को हमेशा दूरदृष्टि से काम करना चाहिए, क्योंकि क्षणिक लाभ हमेशा कष्टकारी हो सकता है।"
उन्होंने युवाओं को सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव के बारे में भी जागरूक किया और बताया कि नेहरू युवा केंद्र युवाओं में राष्ट्रहित की भावना का विकास कर रहा है, जो सराहनीय है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सेवानिवृत्त जिला विकास अधिकारी डॉ. डी. आर. विश्वकर्मा ने कहा, "काशी में ज्ञान और आध्यात्मिकता की गंगा बहती है। आप युवाओं को काशी की संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहरों, वेशभूषा और खानपान के बारे में जानने का अवसर मिलेगा। साथ ही, संकट के समय में एक दूसरे की सहायता अवश्य करें। अपने आचरण और वाणी में शुद्धता बनाए रखें और जीवन में हमेशा सीखने का निरंतर प्रयास करें।"
इस कार्यक्रम में निया, पार्थ, अजय कुमार सहित अन्य युवाओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए। लेखाकार सुभाष चंद्र प्रसाद ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया और सम्मानित किया। जिला युवा अधिकारी वाराणसी प्रतीक साहू ने उपस्थित लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया, जबकि कार्यक्रम का संचालन प्रशिक्षक अंगद यादव ने किया।
यह कार्यक्रम युवाओं को प्रेरित करने और उन्हें समाज में सकारात्मक योगदान देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।