गाजीपुर (मरदह): गोविंदपुर किरत, थाना मरदह निवासी पत्रकार व समाजसेवी राजकुमार मौर्य को जान से मारने की धमकी मिलने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। यह धमकी उन्हें एक जमीन विवाद पर की गई ग्राउंड रिपोर्ट प्रकाशित करने के बाद मिली। मामला तब गंभीर हो गया जब खुद को फौजी बताने वाले अरविंद यादव ने फोन कर खुलेआम धमकी दी कि "जब भी छुट्टी पर आता हूं, हाथ साफ करता हूं, और तुम्हें भी नहीं छोड़ूंगा। हो सकता है कि मेरे घर पहुंचने से पहले ही तुम्हारा काम तमाम कर दिया जाए।" यह कॉल 10 मई 2025 को दोपहर 3:18 बजे मोबाइल नंबर +91-889*****39 से की गई थी, जो लगभग 11 मिनट 9 सेकंड तक चली।

क्या है मामला?

राजकुमार मौर्य ने 'पहल टुडे' के लिए एक ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की थी, जिसमें खतिरपुर ग्राम के निवासी उमेश कुशवाहा की जमीन पर हुए अवैध कब्जे का मामला उजागर किया गया था। उमेश ने न्यायालय में जमीन की पैमाइश के लिए आवेदन किया था, जिसकी तारीख 8 मई 2025 निर्धारित की गई थी। हालांकि, स्थानीय दबंगों ने कानूनगो पर दबाव बनाकर पैमाइश रुकवा दी।

इस मुद्दे को लेकर राजकुमार मौर्य ने खबर प्रकाशित की, जो दबंगों को नागवार गुजरी। खबर में यह उल्लेख था कि उमेश कुशवाहा को 41 एयर जमीन मिलनी थी, लेकिन केवल 37 एयर ही फील्ड बुक में दर्शाया गया। शेष जमीन पर कथित रूप से यादव परिवार द्वारा अवैध कब्जा किया गया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि मौके की स्थिति में उमेश को कम भूमि दी जा रही, जो न्याय की दृष्टि से अनुचित है।

न्याय के लिए आवाज उठाना पड़ा भारी

पत्रकार मौर्य ने बताया कि वह वर्षों से समाज की बेहतरी के लिए निष्पक्ष रिपोर्टिंग करते आए हैं, लेकिन अब उनका पेशा ही उनके जीवन के लिए खतरा बन गया है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की है। साथ ही, धमकी देने वाले शख्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

यूनाइटेड मीडिया पत्रकार एसोसिएशन ने जताई नाराज़गी

इस मामले में पत्रकार राजकुमार मौर्य के समर्थन में यूनाइटेड मीडिया पत्रकार एसोसिएशन गाजीपुर खुलकर सामने आया। अध्यक्ष उपेन्द्र यादव ने कहा, "लोकतंत्र में पत्रकारिता चौथा स्तंभ है। अगर पत्रकार को सच दिखाने पर धमकी मिलेगी, तो समाज में न्याय की उम्मीद करना बेईमानी होगी। राजकुमार मौर्य ने यूनाइटेड मीडिया की टीम के साथ मरदह थाना पहुंचकर पूरे मामले की लिखित शिकायत दी।

थाना प्रभारी की सक्रियता, आरोपी ने मानी गलती

थाना प्रभारी तारावती ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की और कथित आरोपी अरविंद यादव से टेलीफोनिक बातचीत की। बातचीत में अरविंद यादव ने अपनी गलती स्वीकार की और पत्रकार राजकुमार मौर्य से भी बात कर भविष्य में ऐसी गलती न दोहराने की बात कही। थाना प्रभारी ने आश्वासन दिया है कि मामले की जांच की जा रही है और यदि भविष्य में कोई धमकी या अपराध हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पत्रकारिता को डराने की कोशिश बर्दाश्त नहीं

इस घटना ने फिर एक बार साबित कर दिया है कि सच्चाई दिखाने वाला पत्रकार कई बार खुद निशाना बन जाता है। ऐसे में पत्रकारों को कानूनी संरक्षण और समाज से समर्थन की बेहद आवश्यकता है। यूनाइटेड मीडिया पत्रकार एसोसिएशन ने प्रशासन से मांग की है कि पत्रकारों को धमकाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि स्वतंत्र पत्रकारिता कायम रह सके।