गाजीपुर में 26 फरवरी को स्वामी सहजानंद सरस्वती का जन्म दिवस और किसान सभा की जिला कौंसिल की बैठक भारद्वाज भवन स्थित सरजू पाण्डेय सभागार में संपन्न हुई। इस मौके पर स्वामी जी के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

बैठक में वक्ताओं ने स्वामी सहजानंद सरस्वती को किसान आंदोलन का जनक बताया और उनके योगदान को याद किया। वक्ताओं ने बताया कि स्वामी जी ने अपनी यात्रा दंडी स्वामी से शुरू की थी, इसके बाद उन्होंने भगवान को मंदिरों और मठों में खोजने का प्रयास किया, लेकिन भगवान उन्हें नहीं मिले। इसके बाद उन्होंने संस्कृत के ग्रंथों का अध्ययन किया और अपनी भूमिहार जाति को सम्मान देने के लिए 'ब्रह्म विस्तार' नामक ग्रंथ की रचना की।

स्वामी जी ने बिहार के पटना और चम्पारण जिलों में किसानों की दुर्दशा को देखकर जमींदारों के खिलाफ किसान सभा का गठन किया। गांधी जी के स्वतंत्रता आंदोलन में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर भाग लिया, लेकिन जब महात्मा गांधी बड़े किसानों के खिलाफ नहीं थे, तो स्वामी जी ने कांग्रेस छोड़ दी। 1936 में लखनऊ में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में अखिल भारतीय किसान सभा का गठन हुआ, और स्वामी जी को इसका प्रथम अध्यक्ष बनाया गया।

स्वामी जी के जीवन के चौथे चरण में, 1917 की रुसी क्रांति और मार्क्स-लेनिन से प्रभावित होकर, उन्होंने किसान और मजदूरों की भलाई के लिए वामपंथ के रास्ते को अपनाया। उन्होंने 'क्रांति और संयुक्त मोर्चा', 'किसान क्या करे' और 'महारुद्र का महतांडव' जैसे प्रमुख ग्रंथों की रचना की। उनका जीवन संघर्ष और किसानों-मजदूरों की बेहतरी के लिए था, यही कारण है कि उन्हें किसान आंदोलन का जनक माना जाता है। उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर कई किसान आंदोलन भारत में खड़े हुए और उनकी किसान सभा आज भी किसानों और मजदूरों के हक के लिए संघर्षरत है।

इस बैठक में किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र यादव, अमेरिका सिंह यादव, डॉक्टर राम बदन सिंह, कृषि भूमि बचाओ मोर्चा के प्रांतीय मंत्री रामाश्रय यादव, राम अवध, ईश्वरलाल गुप्ता, सुबच्चन यादव, सुरेंद्र राम, झिल्लू यादव, शिवचरण चौबे, रामबचन बिंद, प्रेमनारायण पाण्डेय, कैलास यादव समेत कई प्रमुख नेता उपस्थित रहे। अध्यक्षता संगठन के जिलाध्यक्ष अशोक मिश्रा और संचालन प्रांतीय उपाध्यक्ष जनार्दन राम ने किया।

बैठक में किसान सभा की आगामी योजनाओं की घोषणा की गई। आगामी कार्यक्रमों में 3 मार्च को कासिमाबाद, 12 मार्च को बोगना, 15 मार्च को जमानिया, 16 मार्च को मर्दा ब्लॉक कमेटियों की बैठक और 23 मार्च को भगत सिंह के शहादत दिवस पर भारद्वाज भवन में सभा, 25 मार्च को कासिमाबाद तहसील पर भ्रष्टाचार के खिलाफ विशाल धरना प्रदर्शन आयोजित करने का निर्णय लिया गया।