गाजीपुर। जिले के करंडा क्षेत्र में एक विवादास्पद घटना ने शिक्षा प्रणाली में एक गंभीर संकट को उजागर किया है। एक व्यक्ति ने खुद को प्रयागराज बेसिक कार्यालय का अधिकारी बताकर कंपोजिट विद्यालय ढे़लवा में जाकर अध्यापकों को धमकाया।
इस घटना ने पूरे जिले में चर्चा का विषय बना दिया है, विशेषकर तब जब डीएम आर्यका अखौरी पहले भी कई बार गलत लोगो के खिलाफ सख्त कदम उठा चुकी हैं।
घटना के अनुसार, इस व्यक्ति ने अध्यापकों से कहा कि विद्यालय का वातावरण सही नहीं है और वह उनकी रिपोर्ट आगे भेजकर कार्रवाई कराने की धमकी दी। जब प्रधानाध्यापक दिग्विजय सिंह ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए पुलिस को बुलाने की बात की, तो वह व्यक्ति मौके से भाग निकला। अध्यापकों ने उसकी पहचान सहेड़ी निवासी दीपक यादव के रूप में की और उसकी तस्वीर भी खींची।
इस मामले में प्रधानाध्यापक ने नंदगंज थाना में तहरीर देकर उस व्यक्ति की गिरफ्तारी की मांग की है। थाना प्रभारी कमलेश कुमार ने बताया कि यदि प्रधानाध्यापक पहले ही पुलिस को सूचित करते, तो कार्रवाई संभव थी।
अब सवाल यह है कि डीएम आर्यका अखौरी इस मामले में क्या कदम उठाएंगी। जिले में शिक्षकों और अधिकारियों के बीच इस घटना ने विश्वास की कमी पैदा कर दी है। यदि एक व्यक्ति बिना किसी वैधता के शिक्षा क्षेत्र में हस्तक्षेप कर सकता है, तो यह एक गंभीर चिंता का विषय है।
जिले के लोग चाहते हैं कि प्रशासन इस घटना को गंभीरता से ले और ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। इससे न केवल शिक्षकों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि सरकारी संस्थाओं में काम करने वाले लोगों की सुरक्षा की जा सके।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या डीएम आर्यका अखौरी इस प्रकरण में ठोस कदम उठाएंगी या इसे नजरअंदाज कर देंगी। जिले के लोगों को जल्द ही इस सवाल का जवाब मिल जाएगा, लेकिन उम्मीद है कि यह घटना प्रशासन को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास कराएगी।