मराठा समुदाय को महाराष्ट्र सरकार की नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में दाखिले में 2018 में आरक्षण दिया गया था, जब फडणवीस राज्य के CM थे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में कुल आरक्षण की सीमा 50 फीसदी होने समेत दूसरे कारणों का हवाला देते हुए इसे रद्द कर दिया था।