( रिपोर्ट :उपेंद्र यादव,वि न्यूज/वी एन एफ ए/बीबीसी -इंडिया)
वाराणसी। समता समाजवादी कांग्रेस पार्टी (कांग्रेस - एस.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.अरविंद गांधी ने यहां कहा कि देश में वर्ष 1931 के बाद मोदी सरकार ने लंबे समय से जाति जनगणना के मुद्दे पर देश के विपक्षी राजनैतिक दलों के घेराबंदी और लगातार संघर्ष के बाद जाति जनगणना कराने का निर्णय लिया है इस जातीय जनगणना से शोषित एवं वंचित समुदायों की स्थिति स्पष्ट होगी और उन्हें लक्षित सामाजिक और आर्थिक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा, तथा देश में आरक्षण नीतियां प्रभावी ढंग से लागू हो सकेंगी।
पार्टी अध्यक्ष डा.गांधी ने कहा कि जातीय जनगणना से ऐतिहासिक सामाजिक
असमानता और अन्याय उजागर होगा।
उन्होंने कहा जातीय जनगणना का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोगी होगा ,जिसमें सामाजिक-आर्थिक विकास, आरक्षण और सामाजिक न्याय शामिल हैं और
विभिन्न जाति समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का पता लगेगा ,जिससे नीति निर्माताओं को इन समूहों के लिए विशिष्ट नीतियां एवं आरक्षण की सीमा को निर्धारित करने में मदद मिलेगी।
डा. गांधी ने कहा कि जातीय जनगणना से उन समूहों की पहचान करना आसान होगा, जो ऐतिहासिक रूप से उपेक्षित और हाशिए पर रहे हैं।
उन्होंने कहा जातिगत जनगणना से सामाजिक न्याय, विकास और समावेशी नीतियों को बढ़ावा मिलेगा और सामाजिक परिवर्तन की रूपरेखा और परिसीमन तय करने के लिये किया जा सकेगा।