गाज़ीपुर। जिले की विधानसभा 376 जंगीपुर अंतर्गत एक ऐतिहासिक अवसर पर पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में भव्य जनप्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह समारोह एम. एन. बालिका महाविद्यालय, सरदरपुर क्यामपुर, बिरनो में बड़े उत्साह और गरिमा के साथ संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि श्री राम प्रकाश दुबे जी (पूर्व अध्यक्ष, वाराणसी) ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उनके साथ मंच पर भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री रामनरेश कुशवाहा, श्री रमेश सिंह, जिला महामंत्री श्री अवधेश राजभर और श्री राकेश यादव जैसे प्रतिष्ठित जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। सभी गणमान्य अतिथियों ने लोकमाता अहिल्याबाई के जीवन और उनके सामाजिक योगदान पर प्रकाश डाला।
लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर का जीवन समाज सेवा, न्यायप्रियता और महिला सशक्तिकरण का प्रतीक रहा है। उन्होंने 18वीं सदी में शासन करते हुए जिस प्रकार धर्म, संस्कृति और प्रशासन में उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किए, वह आज भी प्रेरणास्पद हैं।
कार्यक्रम में बिरनो ब्लॉक प्रमुख श्री राजन सिंह, मरदह ब्लॉक से श्रीमती सीता सिंह, संकठा प्रसाद मिश्रा, मन्नू राजभर (पूर्व प्रधान एवं नि. वर्तमान मंडल अध्यक्ष), अभिमन्यु सिंह (प्रधान, तारनपुर), रसराज पाण्डेय (पूर्व प्रधान, चक कपिल), सुरेश सिंह (पूर्व प्रधान, बिरनो), कार्तिक कुमार (ग्राम प्रधान, भैरोपुर), आकाश राजभर (पूर्व प्रधान, बद्दूपुर), धनंजय प्रजापति (प्रधान), राजेश चौहान (नि. वर्तमान मंडल अध्यक्ष), शिवमुनी चौहान, श्रवण कुमार, संतोष प्रजापति और बिरनो मंडल अध्यक्ष सुनील सिंह कुशवाहा सहित अनेक जनप्रतिनिधि शामिल हुए।
भाजपा के वरिष्ठ नेता घूरा सिंह समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं व प्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। सभी वक्ताओं ने अपने संबोधन में सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना और गांव-गांव में लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के विचारों को प्रसारित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यक्रम का आयोजन नारी सम्मान, सामाजिक न्याय और जनसेवा जैसे मूलभूत उद्देश्यों को केंद्र में रखकर किया गया था। इसमें जनप्रतिनिधियों के साथ ही समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों की सहभागिता भी उल्लेखनीय रही। यह आयोजन न केवल श्रद्धांजलि स्वरूप था, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को देश की महान विभूतियों से जोड़ने का एक सार्थक प्रयास भी रहा।
कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों का स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया गया और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया। समापन पर राष्ट्रगान के साथ यह भव्य आयोजन संपन्न हुआ।