गाजीपुर। पीजी कॉलेज के प्रांगण में छात्रों ने सत्रहवें दिन शनिवार को भी अनिश्चितकालीन धरना जारी रखा। छात्रों ने आक्रोशित होकर अपने खून से राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम संबोधित पाती लिखा। पूर्व छात्रसंघ उपाध्यक्ष दीपक उपाध्याय ने कहा कि छात्रों द्वारा छात्रहित में उठाई गई मांग को महाविद्यालय प्रशासन द्वारा बार-बार उपेक्षा करने पर आक्रोशित करता है। धरनारत् छात्रों ने अपने खून से कुलाधिपति/राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम संबोधित पत्र में अपने साथ महाविद्यालय में हो रहे खुलेआम शोषण, अत्याचार व अवैध वसूली तथा छात्रसंघ बहाली सहित 32 सूत्रीय मांगों का दुखड़ा लिखा और जल्द से जल्द समस्याओं के निस्तारण कि मांग की। छात्र नेता निखिल राज भारती ने कहा कि महाविद्यालय प्रशासन तमाम अनियमितता कर रहा है, और जिला प्रशासन उसे सहयोग कर रहा है जिस वजह से वे छात्रों के साथ हिटलरशाही रवैया अपनाया हुये है जिसे छात्र कदापि बर्दाश्त नहीं करेंगे। छात्र नेता आकाश चौधरी ने कहा कि छात्रों कि सभी मांगे जायज है और जल्द से जल्द पूरी नहीं किया गया तो छात्र 30 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठने को विवश होंगे। आमरण अनशन में बैठे किसी भी छात्र कि तबियत बिगड़ती है तो इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी महाविद्यालय प्रशासन व जिला प्रशासन की होंगी।
छात्रों कि प्रमुख मांग मुख्य रूप से छात्र संघ चुनाव कराने, प्राचार्य के महाविद्यालय में समय से आने कि मांग, टीसी चरित्र शुल्क कम करने कि मांग, बीपीई प्रवेश परीक्षा का परिणाम जारी कर प्रवेश लेने, अवैध वसूली बंद करनें, बीपीई का रिजल्ट जारी करने कि मांग, फीस वृद्धि वापस लेंने, पुस्तकालय में नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत पुस्तकें उपलब्ध कराने, कालेज कि वेबसाइट पर सभी सूचना और नई फीस विवरण उपलब्ध कराने, कालेज के कैमरों को ठीक करने के साथ ही महाविद्यालय के गलियारों में सीसीटीवी कैमरे लगाने, साइकिल स्टैंड फीस कम करने, कालेज कि वेबसाइट को सरल करने, कालेज की वेबसाइट पर शिकायत पोर्टल उपलब्ध कराने के साथ ही महाविद्यालय में आफलाइन शिकायत काउन्टर बनाने, स्नातक द्वितीय, तृतीय स्नातकोत्तर द्वितीय में प्रवेश फार्म शुल्क निशुल्क करने, आरो वाटर मशीन लगाने की मांग, महाविद्यालय में पठन-पाठन का माहौल बनायें तथा सभी शिक्षक व कर्मचारी समय से आने व विभाग खोलने सहित आदि मांग है। धरना में शामिल आरती बिन्द, विकास यादव, निलेश बिंद, राहुल कुमार, रणविजय प्रताप, अमृतांश बिंद, आलोक कुमार राय, अनूप यादव, शैलेश यादव, जितेंद्र राय, प्रशांत कुमार बिंद, सुजीत यादव और राकेश यादव आदि छात्र मौजूद थे।