गाज़ीपुर। सामाजिक सरोकारों में सक्रिय भूमिका निभा रहे छावनी लाइन ग्राम सभा के समाजसेवी सुरेश कुमार कुशवाहा ने अपने अवतरण दिवस (15 जुलाई) को विशेष रूप से जनकल्याण और पर्यावरण संरक्षण को समर्पित किया। यह अवसर उनके लिए केवल व्यक्तिगत उत्सव का नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक बन गया।

इस विशेष दिन पर उन्होंने ग्राम सभा छावनी लाइन स्थित प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के बीच जाकर उन्हें फल और मिष्ठान वितरित किए। बच्चों के चेहरों पर खुशी की चमक इस स्नेहपूर्ण gesture की गवाही दे रही थी। विद्यालय प्रांगण में मौजूद शिक्षकगण और अभिभावकों ने भी इस मानवीय पहल की सराहना की और श्री कुशवाहा के सामाजिक योगदान की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

इस अवसर पर श्री कुशवाहा ने केवल बच्चों को मिठास ही नहीं बांटी, बल्कि हरित भविष्य की नींव भी रखी। उन्होंने प्राथमिक विद्यालय परिसर में, निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के प्रांगण में तथा मनोहर बाबा धाम के परिसर में वृक्षारोपण कर एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया। पीपल, नीम, अमलतास, अशोक जैसे पर्यावरण हितैषी वृक्षों का रोपण करते हुए उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

इस मौके पर उन्होंने कहा, "आज के समय में जिस तेज़ी से प्रदूषण बढ़ रहा है और हरियाली घट रही है, ऐसे में हमें अपने हर छोटे-बड़े अवसर को पर्यावरण के प्रति समर्पित करना चाहिए। अगर हम एक पौधा भी रोपें और उसकी देखभाल करें, तो आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर जीवन दे सकते हैं।"

श्री कुशवाहा ने अपने वक्तव्य में युवाओं और स्कूली बच्चों को विशेष रूप से प्रेरित किया कि वे पढ़ाई के साथ-साथ प्रकृति से जुड़ने की आदत डालें और कम से कम साल में एक बार पौधा जरूर लगाएं।

इस कार्यक्रम में स्थानीय ग्रामीणों के अलावा विद्यालय के शिक्षकगण, ग्राम सभा के सम्मानित नागरिक, छात्र-छात्राएं और मानव उदय फाउंडेशन समाजसेवी संगठन के कोषाध्यक्ष अजीत कुमार सिंह इत्यादि लोग उपस्थित रहे। सभी ने श्री कुशवाहा के इस मानवीय एवं पर्यावरणीय कार्य की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्य दूसरों के लिए एक प्रेरणा है और यदि हर नागरिक अपने जन्मदिन या विशेष अवसरों को इसी तरह समाज और प्रकृति के लिए समर्पित करने लगे, तो यह देश और समाज में सकारात्मक परिवर्तन की शुरुआत हो सकती है।

समापन पर विद्यालय के प्रधानाध्यापिका ने सुरेश कुमार कुशवाहा का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा, "आपका यह प्रयास हमारे बच्चों और पूरे समाज को न केवल प्रेरणा देगा, बल्कि आने वाले वर्षों तक इस दिन को स्मरणीय बना देगा।"