(वरिष्ठ प्राकृतिक चिकित्सा वैज्ञानिक)
काली मिर्च की औषधीय गुण है,
जैसे पाचन में सुधार, इम्युनिटी बढ़ाना, वजन घटाने में मदद करना और त्वचा को स्वस्थ रखना, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन करने से पेट में जलन, एसिडिटी और एलर्जी हो सकती है, खासकर गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
*काली मिर्च के औषधीय गुण*
*पाचन सुधार*
काली मिर्च पाचन क्रिया को तेज करती है और पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड बढ़ाकर पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद करती है।
*इम्युनिटी बढ़ाती है*
इसमें एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं और सर्दी-जुकाम से बचाते हैं।
*वजन घटाने में सहायक*
काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन नामक यौगिक वजन को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है।
*त्वचा स्वास्थ्य*
इसके एंटीऑक्सीडेंट, रोगाणुरोधी और सूजन-रोधी गुण त्वचा को दाग-धब्बों से बचाने, एक्जिमा और मुंहासे जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
*ब्लड प्रेशर कंट्रोल*
काली मिर्च ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी मददगार हो सकती है, खासकर जिन लोगों को यह समस्या है।
*तनाव कम करे*
इसमें ऐसे तत्व होते हैं जो ब्रेन फंक्शन को बेहतर बनाकर तनाव और अवसाद को कम करने में मदद कर सकते हैं।
*काली मिर्च के दोष और सावधानियाँ*
*पेट में जलन और एसिडिटी*
अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में जलन, एसिडिटी और उल्टी की समस्या हो सकती है।
*एलर्जी*
कुछ लोगों को काली मिर्च से एलर्जी हो सकती है, जिससे त्वचा पर लाल चकत्ते या खुजली हो सकती है।
*गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए*
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को काली मिर्च के अधिक सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इससे गर्भाशय उत्तेजित हो सकता है और बच्चे में पेट की जलन की शिकायत हो सकती है।
*खून पतला करने वाली दवाओं के साथ*
खून पतला करने की दवाएं लेने वाले या पाइल्स (बवासीर) की समस्या वाले लोगों को काली मिर्च का सेवन अपने डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।
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काली मिर्च स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। औषधीय उपयोग से पहले डॉक्टर से परामर्श करना हमेशा बेहतर होता है।
काली मिर्च को स्वाद बढ़ाने और सेहत लाभ के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे ताज़ी पीसकर सब्जियों, दालों, सूप, सलाद पर छिड़क कर या चाय, काढ़ा, हल्दी दूध व गुनगुने पानी में मिलाकर पी सकते हैं। इसे शहद के साथ भी लिया जा सकता है, खासकर खांसी और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए। काली मिर्च का सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
*खाने में उपयोग*
*स्वाद बढ़ाना*
दाल, सब्जी, सूप और अन्य व्यंजन बनाते समय काली मिर्च पाउडर डालें।
*सलाद*
सलाद पर छिड़क कर खा सकते हैं।
*पास्ता*
पास्ता और अन्य व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने के लिए।
*स्वास्थ्य के लिए उपयोगी*
*काढ़ा और चाय*
बदलते मौसम में काढ़ा या चाय में काली मिर्च डालकर पीने से सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है।
*शहद के साथ*
एक चुटकी काली मिर्च पाउडर को एक चम्मच शहद में मिलाकर खाने से इम्यूनिटी मजबूत होती है और गले की खराश में राहत मिलती है।
*हल्दी वाले दूध में*
हल्दी वाले दूध में एक चुटकी काली मिर्च पाउडर मिलाने से इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण बढ़ जाते हैं, जो जोड़ों के दर्द और सूजन में फायदेमंद होते हैं।
*गुनगुने पानी में*
सुबह खाली पेट एक चुटकी काली मिर्च पाउडर को गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और मेटाबॉलिज्म सुधरता है।
*किन बातों का ध्यान रखें*
हमेशा ताज़ी पिसी हुई काली मिर्च का उपयोग करें, क्योंकि इसमें पिपरिन और एसेंशियल ऑयल अधिक होते हैं।
इसका उपयोग मध्यम मात्रा में ही करें, क्योंकि अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट में गर्मी, पित्त या एसिडिटी जैसी समस्या हो सकती है।
पेट में जलन, अल्सर, ब्लीडिंग डिसऑर्डर, पाइल्स या खून पतला करने वाली दवाइयां ले रहे हों, तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करें।