#आज सड़कों की बदहाली के खिलाफ जबरदस्त आवाज़ बुलंद की 

# धान की रोपाई कर पीडब्ल्यूडी प्रशासन को जगाने का अनूठा तरीका 


गाजीपुर। जनपद के सदर ब्लॉक क्षेत्र के बकुलियापुर गांव के सामने आज ग्रामीणों ने धरातल पर धान की रोपाई कर विरोध-प्रदर्शन की ऐसी अनूठी शुरुआत की, जिसने प्रशासन के कान खड़े कर दिए। सालो से उपेक्षित इस मार्ग की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि सड़क जलभराव और गड्ढों से बदहाल बन गई—जिसमें धान रोपना, जनता की पीड़ा और आत्म-निर्भरता, दोनों का प्रतीक बन गया।

विगत लगभग पाँच वर्षों से लंका से बद्रीचंद पोखर होते हुए बकुलियापुर से अंधऊ बाईपास तक की सड़क जर्जर हो चुकी है। बारिश के मौसम में गड्ढों में पानी भर जाने से वाहनों को भारी असुविधा होती है, आमजन और स्कूली बच्चे असुरक्षित हो जाते हैं—ऐसी कठिनाइयों के बावजूद, समस्या का कोई ठोस समाधान नहीं हो सका। स्थानीय लोगों ने कई बार संबंधित जन प्रतिनिधि और अधिकारियों को शिकायतें दीं, लेकिन गड्ढों में केवल गिट्टी डालने तक सीमित प्रयास ही हुए, जो बारिश में उखड़ कर खाली हो जाते रहे। इस स्थिति से तंग आकर आज ग्रामीणों ने सड़क, जिसे सड़क नहीं, धान के खेत जैसा कहा जा सकता है, उसी पर धान की रोपाई कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया ।

प्रदर्शनकारियों ने अपने आंदोलन का नेतृत्व समाजवादी पार्टी के नगर अध्यक्ष दिनेश कुमार यादव और जिला पंचायत सदस्य महेश यादव के साथ किया। उन्होंने रास्ते में पानी भरे गड्ढों में खेतों की तरह धान रोप कर प्रशासन को यह संदेश दिया कि जनता अब रुक नहीं सकेगी—जब तक सड़क बनकर सही नहीं हो जाती, विरोध जारी रहेगा ।

दिनेश कुमार यादव ने स्पष्ट कहा कि आंदोलन तब तक चला रहेगा जब तक सड़क की मरम्मत नहीं होती। यदि जरूरत पड़ी, तो वे जिला अधिकारी से मिलकर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ शिकायत भी करेंगे।

महेश यादव ने मौके से पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता को फोन कर मामले से अवगत कराया, लेकिन अभियंता स्वयं न आ सके — उन्होंने किसी अन्य अधिकारी को भेजने की बात की, जिसे स्थानीय लोग पर्याप्त जवाबदेही नहीं मान रहे।

ग्रामीणों का कहना है कि ये ‘सड़क’ नहीं, गड्ढे में सड़क बन गई हैं। इतने जर्जर हालातों में हादसों का खतरा बना रहता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द सड़क का ध्यान नहीं रखा गया, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। इस मुद्दे को उजागर करने और प्रशासनिक कार्यालयों का घेराव करने की तैयारी भी की जा रही है ।

प्रदर्शन के दौरान समाजसेवी और स्थानीय ग्रामीण—जिनमें गुड्डू पासवान, विजय यादव, अशोक यादव, सपा कार्यकर्ता अशोक यादव और अन्य लोग उक्त आंदोलन का समर्थन करते हुए उपस्थित रहे।

एक अन्य रिपोर्ट में भी उल्लेख है कि आदर्श बाजार क्षेत्र की सड़कें जलभराव और कीचड़ में तब्दील हो गई हैं, जिससे राहगीरों, स्कूली बच्चों, वाहन चालकों को रोज़ परेशानी होती है। उनका कहना है कि कई बार शिकायत की गई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई ।

प्रदर्शन की अनूठी रणनीति और गड्ढों में धान रोपने से प्रशासन का ध्यान जरूर खींचा है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी फोन पर संवाद स्थापित किया, लेकिन कार्रवाई न होने से लोगों का धैर्य जवाब देने लगा है। अब ग्रामीणों की ताकत संयम और सहानुभूति के साथ एक सशक्त आंदोलन में तब्दील हो रही है।

बकुलियापुर की यह घटना सिर्फ सड़क की दुर्दशा पर रोष व्यक्त नहीं कर रही—यह लोकतंत्र और जनभागीदारी की शक्ति का जीता-जागता उदाहरण है। जब जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार अधिकारी जनधन के इस महत्व को नजरअंदाज करते हैं, तब जनता स्वयं ही न्याय की मांग के लिए मैदान में उतर जाती है।