गाजीपुर। विद्युत विभाग के निजीकरण के विरोध में जूनियर इंजीनियर संगठन ने सोमवार को एक दिवसीय कार्य बहिष्कार कर सरकार के फैसले पर तीव्र नाराजगी जताई। अधीक्षण अभियंता कार्यालय, लाल दरवाजा परिसर में आयोजित विरोध सभा में जनपद के सभी खंडों के अवर अभियंताओं ने एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद की।

प्रदर्शन का नेतृत्व जनपद अध्यक्ष मिथिलेश यादव और सचिव इंद्रजीत पटेल ने किया। इस दौरान इंजीनियरों ने पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल, फेशियल अटेंडेंस सिस्टम और विभाग में कंसलटेंट की नियुक्ति का पुरजोर विरोध किया। इंजीनियरों ने कहा कि यह सभी कदम विभाग के निजीकरण की दिशा में उठाए जा रहे हैं, जो न केवल असंवैधानिक हैं, बल्कि कर्मचारियों और आम उपभोक्ताओं के हितों के भी खिलाफ हैं।

प्रदर्शनकारियों ने याद दिलाया कि वर्ष 2018 और 2020 में सरकार और इंजीनियर संगठनों के बीच हुए समझौतों में स्पष्ट किया गया था कि ऊर्जा क्षेत्र में कोई भी निजीकरण नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम को निजी हाथों में सौंपने का प्रयास कर्मचारियों के साथ धोखा है।

इंजीनियरों का कहना है कि निजीकरण से न सिर्फ गरीब और किसान उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, बल्कि विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की नौकरी, वेतन और भविष्य भी संकट में आ जाएगा।

विरोध सभा के दौरान गाजीपुर नगर के लोटन इमली उपकेंद्र पर तैनात अवर अभियंता रंजीत यादव के आकस्मिक निधन पर दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

इस अवसर पर इंजीनियर अभिषेक केशरवानी, रामप्रवेश चौहान, मनोज पटेल, इंदल राम, दीपक कुमार, ताराशंकर, एस.के. सिंह सहित कई अन्य अवर अभियंता मौजूद रहे। सभी ने एक सुर में निजीकरण के विरोध में संघर्ष को और तेज करने की बात कही।

इंजीनियर संगठन ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही निजीकरण संबंधी योजनाओं को वापस नहीं लिया, तो आगे और बड़ा आंदोलन किया जाएगा।