गाजीपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट "आईटी सिटी" को धरातल पर उतारने की दिशा में अब ठोस कदम उठाए जाने लगे हैं। इसी क्रम में गाजीपुर जिले के मरदह ब्लाक प्रमुख सीता सिंह के पति धर्मेंद्र कुमार सिंह ने अपनी 72 बीघा (लगभग 45 एकड़) जमीन लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) को सौंप दी है। यह फैसला न सिर्फ लखनऊ बल्कि पूरे प्रदेश में राजनीतिक और सामाजिक चर्चाओं का केंद्र बन गया है।

एलडीए की महत्वाकांक्षी आईटी सिटी योजना के तहत लखनऊ-सुल्तानपुर रोड पर आधुनिक और अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त शहर बसाने की योजना तेजी से आगे बढ़ रही है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। धर्मेंद्र कुमार सिंह ने मोहरी खुर्द गांव स्थित अपनी 45 एकड़ जमीन एलडीए को सौंपने के लिए लिखित सहमति पत्र उपाध्यक्ष को सौंपा है।

एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने जानकारी दी कि जमीन अधिग्रहण के लिए लैंड पूलिंग मॉडल के तहत जमीनदाताओं और काश्तकारों से सहमति बन रही है। उन्होंने बताया कि जिन जमीन मालिकों से जमीन ली जा रही है, उन्हें परियोजना में 50 प्रतिशत भूमि वापस दी जाएगी।

धर्मेंद्र कुमार सिंह के इस निर्णय को "ऐतिहासिक और दूरदर्शी" बताया जा रहा है। उनकी यह पहल न सिर्फ राज्य सरकार की योजना को गति देगी, बल्कि प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार, तकनीकी विकास और निवेश के नए रास्ते भी खोल सकती है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, एकमुश्त 72 बीघा जमीन सौंपना एक बड़ा सामाजिक और राजनीतिक संदेश है, जिससे राज्य की विकास योजनाओं में आमजन की भागीदारी का उदाहरण प्रस्तुत हुआ है।

इस निर्णय के बाद ब्लाक प्रमुख सीता सिंह और उनके पति धर्मेंद्र कुमार सिंह को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। लोग इस कदम को प्रदेश के विकास में जनता की सीधी भागीदारी के रूप में देख रहे हैं।

जल्द ही एलडीए द्वारा जमीन सौंपने वालों के साथ बैठकें आयोजित कर समझौते की औपचारिक प्रक्रिया पूरी की जाएगी, जिससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी परियोजना को तेजी से मूर्त रूप दिया जा सकेगा।