गाजीपुर। साहित्य चेतना समाज के तत्वावधान में 'चेतना-प्रवाह' कार्यक्रम के अन्तर्गत बबेड़ी स्थित साईंग्रेस प्ले स्कूल में सरस काव्य-गोष्ठी आयोजित की गई।अध्यक्षता समाजसेवी लाल बहादुर राय एवं संचालन नागेश मिश्र नागेश ने किया।कविगण का स्वागत विद्यालय की प्रधानाचार्य स्मृति श्रीवास्तव ने किया।गोष्ठी का शुभारंभ माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन से हुआ।सरस्वती वन्दना संजय पाण्डेय ने प्रस्तुत की।    

            साहित्य चेतना समाज के संस्थापक अमरनाथ तिवारी अमर ने 'चेतना-प्रवाह' कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसका उद्देश्य आम जन में सार्थक साहित्य के प्रति अभिरूचि पैदा करना है।युवा कवि मनोज यादव ने 'तू हो जाय कभी उदास तो,खुश करने का हर प्रयास करेंगे' सुनाकर खूब प्रशंसा अर्जित की।व्यंग्य कवि आशुतोष श्रीवास्तव ने 'कब तक बचोगे आने वाले तूफानों से,कभी झांको तो बाहर रोशनदानों से' सुनाकर श्रोताओं को सोचने पर विवश किया।नागेश कुमार नागेश ने 'तकदीर को लकीरों से निहारते रहिए,होती तो हैं हथेली पर,पर हाथ में नहीं' सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध किये।कन्हैया गुप्त विचारक ने 'पापा जी की परी है प्यारी जिद अपनी मनवाती है,जिद करके पापा जी से मोबाइल मंगवाती है' सुनाकर मोबाइल के हो रहे दुरुपयोग पर श्रोताओं का ध्यान आकृष्ट कराया।साहित्य चेतना समाज के संस्थापक वरिष्ठ व्यंग्यकार अमरनाथ तिवारी अमर ने 'यहीं करूंगा राजनीति का कारोबार,देश में अपने अच्छा चलेगा यह व्यापार' सुनाकर खूब तालियां बटोरीं।संजय पाण्डेय और प्रभाकर त्रिपाठी ने गीत सुनाकर सभी को आनन्दित किया।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संतोष भारती,अवधेश कुमार,प्रदीप नारायण लाल,शशिकला श्रीवास्तव,सुहानी,ज्ञानवी,राघवेन्द्र ओझा आदि उपस्थित थे।धन्यवाद ज्ञापन संस्था के संगठन सचिव प्रभाकर त्रिपाठी ने किया।