अस्पताल पूरी तरह से फर्जी न  रजिस्ट्रेशन,न डिग्रीधारी चिकित्सक, जांचोपरांत नोडल अधिकारी नें किया सील

दुल्लहपुर/ गाज़ीपुर। दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के हरदासपुर खुर्द स्टेट हाईवे एनएच-67 पर वर्षों से बिना चिकित्सक,बिना रजिस्ट्रेशन के आलीशान हॉस्पिटल चल रहा था। जिसका खुलासा उस वक्त हुआ जब विगत दिनों दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के खुदाबख्शपुर गांव के प्रसूता अनीता पत्नी मुकेश राम की डिलीवरी के दौरान ऑपरेशन करने के बाद बच्चे की मौत हो गई जिसमें परिजनों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा की नॉर्मल डिलीवरी करने के आश्वासन के बाद बिना पूछे ऑपरेशन से बच्चा निकाल दिया और कुच्छ समय बाद सुविधाओं के अभाव में बच्चे की मृत्यु हो गई जिसके पास परिजन शोक में तो थे ही लेकिन फर्जी चिकित्सक परिजनों के सामने से ही बच्चे का शव लेकर भागने लगा जिसको देखते ही परिजनों ने दौड़ाया लेकिन पकड़ में नहीं आया। तत्काल इसकी सूचना 112 पीआरबी पुलिस और स्थानीय पुलिस को दी सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस ने पहुंचकर अस्पताल के कुछ लोगों कों हिरासत में लिया और कड़ाई से पूछताछ करना शुरू कीया तो 1 घंटे बाद नवजात का शव वापस किया। जिसमें परिजनों की ओर से नामजद तहरीर दुल्लहपुर थाने में दिया गया। पुलिस ने विधिक कार्यवाही करते हुवे शव को पोस्टमार्टम के लिए पुलिस के साथ भेजा।


 इस मामले को सीएमओ के निर्देश पर नोडल अधिकारी शैलेश ने अस्पताल को 9सितम्बर को  सीज करने के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रसूता के नवजात बच्चे की मौत के बाद सीएमओ डॉक्टर देश दीपक पाल के निर्देश पर स्पष्टीकरण नोटिस जारी किया गया था जिसमें हॉस्पिटल संचालक की ओर से कोई भी तथ्य नहीं दिया गया जबकि हॉस्पिटल का ना तो रजिस्ट्रेशन था,ना ही मौजूद कोई चिकित्सक मिला । अस्पताल को विधिक कार्यवाही करते हुए सीज किया गया है। जब पत्रकारों ने नोडल अधिकारी शैलेश से पूछा कि स्टेट हाईवे पर यैसे फर्जी अस्पताल चल रहे हैं पहले क्यों नहीं करवाई हुई  उन्होंने जवाब दिया कि यहां पर 100 से ज्यादा अस्पताल फर्जी चलने की सूचना तो मिलती है लेकिन अस्पताल गली-गुची में चोरी चुपके चलता है यह पता नहीं चल पाता है,की अस्पताल हैं या घर यैसे अस्पताल को जांच करने का जखनिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रभारी का भी कर्तव्य बनता है कि उनके देखरेख में कैसे फर्जी अस्पताल चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कहीं भी ऐसे फर्जी अस्पतालों की सूचना मिलेगी तो उसके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए सीज किया जाएगा। 

  वहीं देखा जाय तो बोर्ड पर बखूबी डॉक्टरों का नाम अंकित है जिसमे डॉ०जितेन्द्र सिंह चौहान(बीएएमएस कानपुर),डॉ०विजय सिंह चौहान(बीपीटी-फिजियोथेरेपी),डॉ०नागेन्द्र सिंह चौहान(जनरल फिजिसियन)डॉ०प्रतिमा कुशवाहा(बीएएमएस)प्रबंधक-विनीत सिंह व संचालक हरिनाथ चौहान आदि का नाम अंकित हैं जिसके ठीक ऊपर रजिस्ट्रेशन न०भी अंकित हैं लेकिन रजिस्ट्रेशन फर्जी निकला,जहाँ बोर्ड तो इस ढंग से लगाया गया है कि कोई भी भ्रमित हो जाएगा ।

 थाना अध्यक्ष के०पी० सिंह ने कहा कि प्रसूता की नवजात के मौत के मामले में पीड़ित पक्ष द्वारा समझौता कर लिया गया है,रही बात सीज की तो न हमे सूचना मिली नाही कोई फोर्स माँगी गई थी ।