गाजीपुर। वैश्विक हिंदी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा बखरा गांव के मूल निवासी, हिंदी के सुपरिचित साहित्यकार डॉ. विजयानन्द को

विद्योत्तमा फाउंडेशन,नासिक,महाराष्ट्र ने विद्योत्तमा साहित्यरत्न सम्मान - 2023 से नवाजा है।

       डॉ. विजयानन्द को विद्योत्तमा साहित्यरत्न सम्मान, उनकी कानपुर से प्रकाशित आत्मकथा पुस्तक 'समय की सलीब पर ' हेतु मकर संक्रांति, 2024 को हरियाली सभागार , नासिक , महाराष्ट्र में प्रदान किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात मराठी , हिंदी साहित्यकार डॉ०अजित ब०नागरगोजे ने की तथा मुख्य अतिथि डॉ०कृष्णचंद्र पांडेय रहे। संस्थाध्यक्ष सुबोध कुमार मिश्र ने सभी को बधाई दी।

      वैश्विक हिंदी महासभा के राष्ट्रीय, प्रदेशीय तथा जनपदीय पदाधिकारियों तथा साहित्यकारों ने उन्हें इस सम्मान के लिए बधाई दी है।

               ज्ञातव्य हो कि डॉ० विजयानन्द जी विभिन्न संस्थाओं में सचिव,महामंत्री,निदेशक- रिसर्च फाउंडेशन ,सं.इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय,नई दिल्ली,का०अध्यक्ष- अखिल भारतीय साहित्य परिषद, प्रयागराज, अध्यक्ष -काशी प्रांत,राष्ट्रीय अध्यक्ष, विश्व हिंदी महासभा, नई दिल्ली जैसे पदों पर कार्य कर चुके हैं तथा हिन्दी साहित्य की विभिन्न विधाओं में कुल ८१ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं‌।


     उन्होंने ' वैश्विक साहित्य ' त्रैमासिक का लगभग १० वर्षों तक लगातार संपादन किया है। अमेरिका के रामकाव्य पीयूष, कृष्णकाव्य पीयूष सहित, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया,जापान सिंगापुर , मारीशस, मलेशिया फिजी आदि अनेक देशों के काव्य संग्रहों, पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाएं प्रकाशित होती रही हैं। वे अमेरिकन बायोग्राफिकल इंस्टीट्यूट के रिसर्च बोर्ड के