जखनिया। स्थानीय क्षेत्र में पैथोलॉजी सेंटरो की भरमार है जहां सेंटरों पर जांच करने के बाद लोग चिकित्सकों से परामर्श लेकर अपना इलाज करते हैं वही पैथोलॉजी सेंटर का मात्र रजिस्ट्रेशन करा कार्य कर रहे हैं अगर सही मायने में इनकी जांच की जाए तो इनका पैथोलॉजी सेंटर टेक्नीशियन के सहारे ही सारा कार्य किया जा रहा हैं जिनके नाम पर पैथोलॉजी का रजिस्ट्रेशन है वह कभी पैथोलॉजी सेंटर पर आते ही नहीं है ऐसा ही एक मामला खुशी डायग्नोस्टिक सेंटर जखनिया का है जहां लालचंद गुप्ता 45 वर्ष की 30 तारीख की जांच में लिवर बड़ा होने के साथ ही पित्त की थैली में सूजन एवं पेशाब की नली में पथरी की रिपोर्ट दी गई जिस पर लालचंद गुप्ता वाराणसी जाकर वहां के चिकित्सकों को दिखाने के बाद यथार्थ डायग्नोस्टिक सेंटर पर जांच करवाई जिसमें पता चला कि उनके फेफड़ों में पानी एवं पेट में पानी भरा हुआ है दोनों रिपोर्ट में अंतर पाया गया इस बारे में खुशी डायग्नोस्टिक सेंटर पर जाकर बात करने पर पता चला कि जिसके नाम पर रजिस्ट्रेशन है वह आते ही नहीं है उनकी जगह पर अन्य कर्मचारी कार्य करते हैं इनका रजिस्ट्रेशन भी रिनिवल नहीं है इसके बारे में उन्होंने कहा कि रिन्यूअल कराने के लिए सीएमओ ऑफिस कागजात जमा किए गए हैं अभी हुआ नहीं है अभी कुछ दिन पहले ही इसी डायग्नोस्टिक सेंटर का एक मामला नेवादा गांव से आया था उसमें भी गलत रिपोर्ट दी गई थी कुछ दिन पहले जखनिया गोविंद के ग्राम प्रधान परिवार में भी गलत रिपोर्ट दी गई थी इस तरह गलत रिपोर्ट देने से लोग अपना सही इलाज नहीं कर पा रहे हैं जिसकी शिकायत जिले के उच्च अधिकारियों तक की गई है लेकिन कोई कार्यवाही न होने से इनका मन  बढ़ता जा रहा है जबकि जखनिया तहसील मुख्यालय होने की वजह से इन पैथोलॉजी सेंटरों की जांच ना तो कभी विभाग द्वारा ही की जाती है और न ही उपजिला अधिकारी जखनिया ने ही इसकी तरफ कोई ध्यान दिया इस बारे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जखनिया के अधीक्षक डॉक्टर योगेंद्र यादव से पूछने पर उन्होंने बताया कि पैथोलॉजी सेंटरों का रजिस्ट्रेशन हुआ है लेकिन रजिस्ट्रेशन कराए लोग सेंटरों पर रहते हैं कि नहीं इसके बारे में उनको जानकारी नहीं है